
वक्फ (Waqf) इस्लामी कानून के तहत एक ऐसी व्यवस्था है, जिसमें कोई व्यक्ति अपनी चल या अचल संपत्ति को धार्मिक, परोपकारी या धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए समर्पित करता है। एक बार वक्फ घोषित होने के बाद, वह संपत्ति अल्लाह के नाम पर हो जाती है और उसे बेचा या स्थानांतरित नहीं किया जा सकता। इन संपत्तियों का प्रबंधन वक्फ बोर्ड (Waqf Board) द्वारा किया जाता है, जो राज्य स्तर पर गठित निकाय हैं। भारत में वर्तमान में लगभग 30 वक्फ बोर्ड हैं, जिनके पास 9.4 लाख एकड़ से अधिक भूमि है, जो रेलवे और रक्षा विभाग के बाद देश में तीसरी सबसे बड़ी भूमि धारक संस्था है।
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 (Waqf Amendment Bill, 2024)
8 अगस्त 2024 को, केंद्र सरकार ने लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश किया। इसका उद्देश्य वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करना और मुसलमान वक्फ अधिनियम, 1923 को निरस्त करना है। प्रस्तावित संशोधनों में वक्फ बोर्डों के कार्यों में पारदर्शिता बढ़ाना, महिलाओं और गैर-मुसलमानों को प्रतिनिधित्व देना, और वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार लाना शामिल है।

प्रमुख प्रस्तावित संशोधन:
1. वक्फ की घोषणा (Declaration of Waqf): केवल वही व्यक्ति, जो कम से कम पांच वर्षों से इस्लाम का पालन कर रहा हो और संपत्ति का कानूनी मालिक हो, वक्फ की घोषणा कर सकता है। “वक्फ बाय यूजर” (Waqf by user) की प्रथा को समाप्त किया जाएगा।
2. वक्फ बोर्डों की संरचना (Structure of Waqf Boards): केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों में मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुसलमानों को प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। इसके अलावा, शिया, सुन्नी, बोहरा, आगाखानी और मुस्लिम समुदाय के अन्य पिछड़ा वर्गों को भी शामिल किया जाएगा।
3. संपत्तियों का पंजीकरण (Registration of Properties): वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण एक केंद्रीय पोर्टल और डेटाबेस के माध्यम से किया जाएगा, जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
4. विवाद निवारण (Dispute Resolution): वक्फ ट्रिब्यूनल के आदेशों के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील के लिए 90 दिनों का समय निर्धारित किया गया है।
5. वक्फ बोर्डों के अधिकार (Powers of Waqf Boards): वक्फ बोर्ड किसी संपत्ति को वक्फ के रूप में दर्ज करने से पहले सभी संबंधित पक्षों को नोटिस जारी करेंगे और राजस्व कानूनों के अनुसार म्यूटेशन की प्रक्रिया का पालन करेंगे।
इन संशोधनों का उद्देश्य वक्फ बोर्डों के कार्यों में पारदर्शिता बढ़ाना, महिलाओं और गैर-मुसलमानों को प्रतिनिधित्व देना, और वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार लाना है। हालांकि, विपक्षी दलों ने इस विधेयक का विरोध किया है और इसे संयुक्त संसदीय समिति (Joint Parliamentary Committee) को भेजा गया है।
वक्फ बोर्डों के पास देश में बड़ी मात्रा में संपत्ति है, लेकिन उनके प्रबंधन में पारदर्शिता की कमी और भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। इस विधेयक के माध्यम से सरकार इन समस्याओं का समाधान करना चाहती है।