भारत में ब्रिटिशों का आगमन: कैसे हुई भारत में अंग्रेजों की एंट्री?

भारत, जो कभी सोने की चिड़िया कहलाता था, सैकड़ों वर्षों तक व्यापार और सांस्कृतिक समृद्धि का केंद्र रहा। इसी धन-संपदा की तलाश में कई विदेशी शक्तियां भारत आईं, जिनमें से एक थी ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी। यह कंपनी व्यापार के बहाने आई, लेकिन धीरे-धीरे भारत पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया। आइए विस्तार से जानते हैं कि ब्रिटिशों ने भारत में प्रवेश कैसे किया और वे किस तरह पूरे देश पर हावी हो गए।

1. यूरोपीय शक्तियों का भारत की ओर आकर्षण

15वीं और 16वीं शताब्दी में यूरोप में पुनर्जागरण (Renaissance) और भूगोलिक खोजों (Geographical Discoveries) का दौर था। यूरोपीय देश नई व्यापारिक संभावनाओं की तलाश में थे। भारत अपनी मसालों, रेशम और बहुमूल्य धातुओं के कारण एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र था। सबसे पहले पुर्तगालियों ने भारत में कदम रखा, उसके बाद डच, फ्रेंच और फिर ब्रिटिश आए।

2. ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना

ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी (British East India Company) की स्थापना 31 दिसंबर 1600 को ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ प्रथम (Queen Elizabeth I) के चार्टर से हुई थी। इस कंपनी को भारत और अन्य एशियाई देशों के साथ व्यापार करने का अधिकार मिला था।

मुख्य उद्देश्य:

भारतीय मसालों, रेशम, कपास और अन्य बहुमूल्य वस्तुओं का व्यापार

भारतीय बाजारों पर नियंत्रण स्थापित करना

अन्य यूरोपीय शक्तियों को हटाकर व्यापार पर एकाधिकार पाना

3. ब्रिटिशों का भारत में पहला कदम (1608)

ब्रिटिशों ने भारत में पहली बार 1608 ई. में सूरत (गुजरात) में प्रवेश किया।

कैप्टन विलियम हॉकिन्स (Captain William Hawkins) जहाज हेक्टर (Hector) से सूरत आया और मुगल सम्राट जहांगीर से व्यापार करने की अनुमति मांगी।

जहांगीर ने पहले संदेह किया, लेकिन बाद में कुछ व्यापारिक अधिकार दिए।


इसके बाद ब्रिटिशों ने अपने व्यापारिक केंद्र (Factory) स्थापित करने शुरू कर दिए।

4. पहला व्यापारिक केंद्र और चार्टर (1613-1615)

1613: जहांगीर ने ब्रिटिशों को सूरत में पहली व्यापारिक फैक्ट्री स्थापित करने की अनुमति दी।

1615: सर थॉमस रो (Sir Thomas Roe) को इंग्लैंड के राजा जेम्स प्रथम (King James I) ने भारत भेजा। उसने मुगल दरबार में जाकर अंग्रेजों को भारत में व्यापार करने की विशेष अनुमति दिलवाई।


अब ब्रिटिशों को भारत में अपने व्यापार को फैलाने का अवसर मिल गया।

5. अन्य यूरोपीय शक्तियों से संघर्ष

ब्रिटिशों को भारत में अन्य यूरोपीय शक्तियों—डच, पुर्तगाली और फ्रेंच—से कड़ी टक्कर मिली।

डच (Dutch): पहले से ही दक्षिण भारत में मजबूत थे, लेकिन 17वीं शताब्दी के अंत तक कमजोर पड़ गए।

पुर्तगाली (Portuguese): 1498 में वास्को-दा-गामा के आने के बाद पुर्तगालियों का दबदबा था, लेकिन 17वीं शताब्दी तक वे कमजोर हो गए।

फ्रेंच (French): ब्रिटिशों के सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी थे। दोनों के बीच कई लड़ाइयाँ हुईं, जिसमें अंततः ब्रिटिश विजयी रहे।

6. बंगाल में पकड़ मजबूत करना (1757: प्लासी की लड़ाई)

ब्रिटिशों का असली सत्ता संघर्ष बंगाल में हुआ।

बंगाल उस समय भारत का सबसे समृद्ध प्रांत था।

यहां के नवाब सिराजुद्दौला ने ब्रिटिशों के बढ़ते प्रभाव का विरोध किया।

1757: प्लासी की लड़ाई (Battle of Plassey) में ब्रिटिशों ने रॉबर्ट क्लाइव (Robert Clive) के नेतृत्व में सिराजुद्दौला को हरा दिया।

मीर जाफर को बंगाल का नवाब बनाया गया, जो ब्रिटिशों की कठपुतली बन गया।


इस जीत ने भारत में ब्रिटिश शासन की नींव रख दी।

7. 1764: बक्सर की लड़ाई और भारत पर नियंत्रण

1764: बक्सर की लड़ाई (Battle of Buxar) में ब्रिटिशों ने मुगल सम्राट शाह आलम द्वितीय, बंगाल के नवाब मीर कासिम और अवध के नवाब को हरा दिया।

इस जीत के बाद 1765 में ब्रिटिशों को बंगाल, बिहार और उड़ीसा की दीवानी (Revenue Collection) मिल गई।

अब भारत में ब्रिटिशों का प्रभाव काफी बढ़ गया था।

8. 1857: क्रांति और ब्रिटिश सरकार का सीधा शासन

1857 का विद्रोह (Revolt of 1857) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की पहली बड़ी घटना थी।

यह विद्रोह भारत के अलग-अलग हिस्सों में फैला लेकिन सफल नहीं हो सका।

1858: ब्रिटिश सरकार ने ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन समाप्त कर दिया और भारत को ब्रिटिश सरकार के सीधे नियंत्रण में ले लिया।

अब भारत “ब्रिटिश क्राउन” के अधीन आ गया और ब्रिटिश वायसराय (Viceroy) के द्वारा शासित होने लगा।

निष्कर्ष: व्यापार से लेकर सत्ता तक का सफर

ब्रिटिशों का भारत में प्रवेश व्यापार के बहाने हुआ, लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने सत्ता हासिल कर ली।

1608: सूरत में पहला कदम

1613: पहली फैक्ट्री

1757: प्लासी की लड़ाई—ब्रिटिशों का पहला बड़ा विजय

1764: बक्सर की लड़ाई—भारत पर नियंत्रण

1858: ब्रिटिश सरकार का सीधा शासन


ब्रिटिश शासन के कारण भारत को आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से भारी नुकसान हुआ, लेकिन इसने आधुनिक भारत के निर्माण की नींव भी रखी। भारत ने 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त की, लेकिन यह सफर ब्रिटिशों के भारत में प्रवेश से ही शुरू हुआ था।

क्या आप जानते हैं? (Interesting Facts)

✅ पहला ब्रिटिश जहाज (Hector) 1608 में भारत आया था।
✅ भारत में पहली ब्रिटिश फैक्ट्री सूरत में बनी थी।
✅ ब्रिटिशों का पहला युद्ध भारत में 1757 में प्लासी में हुआ था।
✅ 1858 के बाद भारत पर ब्रिटिश क्राउन का सीधा शासन हुआ।

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  • Anish Kumar

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