
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2025 को देश का वार्षिक बजट पेश किया। यह बजट आर्थिक सुधारों, मध्यवर्गीय परिवारों को राहत देने, कृषि क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में कई बड़े कदम उठाने वाला रहा।
इस बजट का मकसद “विकास और समावेशी अर्थव्यवस्था” (Inclusive Growth) को प्राथमिकता देना है। सरकार ने कर प्रणाली में सुधार, निवेश को बढ़ावा देने, स्टार्टअप्स को समर्थन, गिग वर्कर्स के लिए योजनाएँ, और स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों पर ध्यान केंद्रित किया है।
🔹 मुख्य घोषणाएँ और सुधार:
1️⃣ मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए टैक्स में बड़ी राहत
आयकर छूट की सीमा ₹6.6 लाख से बढ़ाकर ₹12 लाख कर दी गई है, जिससे वेतनभोगी वर्ग को बड़ी राहत मिलेगी।
नई कर प्रणाली को सरल बनाने के लिए टैक्स स्लैब्स में बदलाव किए गए हैं।
छोटे व्यापारियों और स्टार्टअप्स के लिए भी कर दरों में कटौती की गई है, जिससे नई कंपनियों को बढ़ावा मिलेगा।

> सरकार का लक्ष्य मध्यमवर्गीय परिवारों की क्रय शक्ति (purchasing power) को बढ़ाना और अर्थव्यवस्था में उपभोग (Consumption) को प्रोत्साहित करना |
2️⃣ कृषि क्षेत्र को बढ़ावा: आत्मनिर्भर किसान योजना
दालों और कपास के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 6 साल की नई योजना लागू की गई है।
किसानों को MSP (Minimum Support Price) यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी दी गई है, जिससे उनकी आय सुनिश्चित होगी।
डिजिटल कृषि मिशन के तहत किसानों को स्मार्ट टेक्नोलॉजी और AI आधारित कृषि सलाहकार सेवाएँ दी जाएँगी।
बायोफर्टिलाइजर और जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए ₹10,000 करोड़ का विशेष फंड बनाया गया है।
> सरकार का उद्देश्य भारत को कृषि उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना और कृषि क्षेत्र की आय को दोगुना करना है।
3️⃣ गिग वर्कर्स और असंगठित श्रमिकों के लिए योजनाएँ
गिग वर्कर्स (स्वतंत्र श्रमिक जैसे Zomato, Swiggy, Uber के ड्राइवर, फ्रीलांसर आदि) को स्वास्थ्य और बीमा सुविधाएँ दी जाएँगी।
प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना को बढ़ाकर और अधिक श्रमिकों को इसका लाभ देने की घोषणा हुई।
सोशल सिक्योरिटी कोड लागू किया जाएगा, जिससे असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को पेंशन और बीमा मिलेगा।

> यह कदम असंगठित क्षेत्र के करोड़ों कामगारों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगा।
4️⃣ ऊर्जा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव: न्यूक्लियर एनर्जी मिशन
भारत ने 100 गीगावाट (GW) परमाणु ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा है, जिसे 2047 तक पूरा किया जाएगा।
सौर ऊर्जा (Solar Energy) और हरित हाइड्रोजन (Green Hydrogen) परियोजनाओं में भारी निवेश किया जाएगा।
इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए ₹25,000 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है।
> यह पहल भारत को ऊर्जा आत्मनिर्भर (Energy Independence) बनाने और हरित ऊर्जा क्रांति (Green Energy Revolution) लाने में मदद करेगी।
5️⃣ स्टार्टअप्स और नवाचार (Innovation) को बढ़ावा
स्टार्टअप इंडिया मिशन के तहत टैक्स में छूट 5 साल से बढ़ाकर 7 साल कर दी गई है।
नए उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए ₹50,000 करोड़ का स्टार्टअप फंड बनाया गया है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), ब्लॉकचेन और रोबोटिक्स के विकास के लिए विशेष अनुसंधान संस्थान स्थापित किए जाएँगे।
> इससे भारत में नए उद्योगों और उद्यमिता (Entrepreneurship) को बढ़ावा मिलेगा।
6️⃣ बुनियादी ढांचे (Infrastructure) पर बड़ा निवेश
रेलवे, हाईवे और एयरपोर्ट विस्तार के लिए ₹10 लाख करोड़ का बजट।
नई बुलेट ट्रेन परियोजनाओं की घोषणा।
स्मार्ट सिटी मिशन को आगे बढ़ाने के लिए ₹1 लाख करोड़ का फंड।
> सरकार का लक्ष्य भारत को 2047 तक एक आधुनिक और विकसित राष्ट्र बनाना है।
7️⃣ डिजिटल और शिक्षा क्षेत्र में बड़े सुधार
डिजिटल इंडिया 2.0 लॉन्च, जिससे AI, क्लाउड कंप्यूटिंग और साइबर सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में ई-लर्निंग को बढ़ावा देने के लिए नेशनल डिजिटल यूनिवर्सिटी की स्थापना।
मेडिकल और इंजीनियरिंग सीटों में 20% की बढ़ोतरी।
> यह कदम भारत के युवाओं को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करेगा।
📌 निष्कर्ष: यह बजट क्यों महत्वपूर्ण है?
यह बजट कई मायनों में ऐतिहासिक है क्योंकि:
✅ मध्यमवर्गीय परिवारों को कर में राहत दी गई है।
✅ किसानों और गिग वर्कर्स के लिए योजनाएँ लागू की गई हैं।
✅ न्यूक्लियर एनर्जी और सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया गया है।
✅ डिजिटल इंडिया और स्टार्टअप्स को नई उड़ान देने की कोशिश की गई है।
✅ बुनियादी ढांचे और रेलवे के विस्तार पर जोर दिया गया है।
> “2030 तक भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए यह बजट तैयार किया गया है।”
यह बजट आम आदमी, किसान, युवा, उद्यमी और राष्ट्र निर्माण के हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ नया लेकर आया है।