
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक भीषण आतंकी हमला हुआ, जिसमें 27 लोगों की जान गई और 17 से अधिक लोग घायल हुए। यह हमला हाल के वर्षों में भारत में नागरिकों पर सबसे घातक हमलों में से एक है।
हमला कैसे हुआ?
पहलगाम के बाइसरन क्षेत्र में चार सशस्त्र आतंकियों ने अचानक पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। मारे गए लोगों में 25 भारतीय और 1 नेपाली नागरिक शामिल हैं। घायलों में कई की हालत गंभीर है।
जिम्मेदारी और संदिग्ध संगठन
इस हमले की जिम्मेदारी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली है, जिसे पाकिस्तान आधारित आतंकवादी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़ा माना जाता है।
भारत की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले की कड़ी निंदा की और दोषियों को न्याय दिलाने का संकल्प लिया। भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए:
- भारत-पाकिस्तान की भूमि सीमा को बंद कर दिया गया।
- सिंधु जल संधि को अस्थायी रूप से निलंबित किया गया।
- पाकिस्तान नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए गए और 48 घंटे में देश छोड़ने का आदेश दिया गया।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी जैसे कई देशों ने इस आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा ने इस हमले को “अमानवीय” करार देते हुए पीड़ितों के लिए संवेदना प्रकट की।
पर्यटन और स्थानीय प्रभाव
यह हमला ऐसे समय में हुआ जब कश्मीर में पर्यटन अपने चरम पर था। पहलगाम, जो अमरनाथ यात्रा का प्रमुख पड़ाव है, पर्यटकों के बीच बहुत लोकप्रिय है। हमले के बाद कई पर्यटकों ने अपनी यात्राएं रद्द कर दी हैं और स्थानीय व्यवसायों पर असर पड़ा है।
निष्कर्ष
पहलगाम आतंकी हमला एक मानवीय त्रासदी होने के साथ-साथ भारत की आंतरिक सुरक्षा और कश्मीर की स्थिरता के लिए एक गंभीर चुनौती है। भारत की सख्त कार्रवाई और वैश्विक समर्थन के बावजूद, यह घटना शांति प्रयासों के लिए एक झटका है।