
महाकुंभ मेला, दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जहां करोड़ों श्रद्धालु गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर स्नान करने के लिए आते हैं। इतने विशाल जनसमूह की गिनती करना अपने आप में एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। आइए जानें कि महाकुंभ मेले में लोगों की संख्या का आकलन कैसे किया जाता है।
1. सेटेलाइट इमेजरी का उपयोग
महाकुंभ मेले में लोगों की गिनती के लिए सैटेलाइट इमेजरी का उपयोग किया जाता है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) जैसे संस्थान भी इस कार्य में सहयोग करते हैं। सैटेलाइट से ली गई तस्वीरें मेले के पूरे क्षेत्र और उसमें मौजूद भीड़ का आकलन करने में मदद करती हैं।
सैटेलाइट तस्वीरों के आधार पर यह अनुमान लगाया जाता है कि कितने लोग प्रति वर्ग मीटर क्षेत्र में मौजूद हैं। इससे कुल संख्या निकाली जाती है।
2. ड्रोन कैमरों की मदद
आधुनिक तकनीक में ड्रोन कैमरे भीड़ की लाइव मॉनिटरिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये कैमरे ऊंचाई से भीड़ की गतिशीलता और घनत्व का सटीक आकलन करने में सक्षम होते हैं।
3. सीसीटीवी और वीडियो एनालिटिक्स
मेले में सीसीटीवी कैमरे हर जगह लगाए जाते हैं। इन कैमरों की मदद से आने-जाने वाले लोगों की गिनती की जाती है। इसके लिए वीडियो एनालिटिक्स सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल होता है, जो लोगों की संख्या और उनकी गतिविधियों को रिकॉर्ड करता है।
4. इलेक्ट्रॉनिक काउंटर
प्रवेश और निकास के स्थानों पर इलेक्ट्रॉनिक काउंटर लगाए जाते हैं, जो यह रिकॉर्ड करते हैं कि कितने लोग मेले में प्रवेश कर रहे हैं और कितने बाहर जा रहे हैं।
5. सर्वे टीमों की तैनाती
सरकार और आयोजन समिति की विशेष टीम भीड़ का सर्वे करने के लिए तैनात रहती है। ये टीम हाथ में क्लिक काउंटर या डिजिटल उपकरण लेकर लोगों की गिनती करती है।

6. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग
आजकल भीड़ की गणना के लिए AI और मशीन लर्निंग का उपयोग हो रहा है। ये तकनीक भीड़ के पैटर्न का विश्लेषण करके लोगों की सही संख्या का आकलन करती है।
7. पुलिस और प्रशासन की रिपोर्ट
पुलिस और स्थानीय प्रशासन भी अपने अनुभव और निगरानी के आधार पर लोगों की अनुमानित संख्या की रिपोर्ट तैयार करते हैं।
महाकुंभ मेले में भीड़ की गिनती आधुनिक तकनीक और पारंपरिक तरीकों का मिश्रण है। सैटेलाइट, ड्रोन, AI और प्रशासन के प्रयास इसे संभव बनाते हैं। यह प्रक्रिया न केवल आयोजन की सफलता सुनिश्चित करती है, बल्कि सुरक्षा और आपातकालीन स्थितियों को संभालने में भी मददगार साबित होती है।
“आधुनिक विज्ञान और प्रबंधन का संगम हमें हर चुनौती का समाधान करने की प्रेरणा देता है।”